देवर और भाभी का relationship

रिश्तो का डोर ही हमारे अपने को एक दूसरे पर एक हौसला और अपनापन बनाता है। भाभी और देवर का रिश्ता एक ऐसा अनोखा रिश्ता है जो एक मां और बेटा का होता है मगर हमारी नजरिया अलग होती है। वाकई में हमें भाभी को अपने मां के समान व्यवहार करना चाहिए ।

देवर भाभी का रिश्ता कैसा होना चाहिए।
1. देवर भाभी का रिश्ता एक महत्वपूर्ण और अपने कर्मोंमों को देखते हुए यह रिश्ता निभाना चाहिए। संसार के प्रकार के लोग होते हैं जो काफी मतलबी होते हैं सिर्फफ अपने को देखते हैं मगर किसी दूसरे के रिश्तेते पर गलत नजरिया से देखते हैं। संसार का एक ही नियम है जो हर किसी एक दूसरे पर अपने रिश्तो को संभाल के रखे।
जब हमारे परिवार में कोई अनाथ हो जाता है जिसका कोई नहीं रहता। सिर्फ भाभी मां रहती है तभी हमेशा होता है की हमें किस नजरिया स देखना चाहिए। अपने भाभी को मां के नजरिए से देखना चाहिए कुछ भी हो जाए अपना नजरिया नहीं बदलना चाहिए क्योंकि संसार का नियम है अपने नियमों को पालन करना चाहिए। आज कल की दुनिया में इतनी अंधी हो चुकी है। की दुनिया अंधेरों से गिरा हुआ है बस बदलना तो हमें है।


देवर का कर्तव्य क्या होना चाहिए?

देवर का फर्ज होता है की हर छोटी-बड़ी गलतियां को अच्छी तरह समझना चाहिए। उनके प्रति रिस्पेक्ट से बात करना चाहिए और रिस्पेक्ट देना चाहिए। उनका आदर सम्मान करना चाहिए भाभी की आज्ञा का पालन करना चाहिए। अगर कोई तकलीफ आए तो उन्हें मदद करना है। उनका ढाल बने रहना यह सारी बातें एक देवर का फर्ज होता है और हमेशा निभाने के लिए तत्पर रहे

जिन कदमों से हम आगे बढ़े हुए हैं वह कदम नहीं भूलना है अगर जिस दिन वह भूल जाएं तो वह कुछ काम का नहीं होता है।

भाभी से करते हुए क्या होना चाहिए?
जिस तरह मां अपने पुत्र को अपना व्यवहार करती है। उसी तरह और भाभी को भी अपने देवर से व्यवहार करना और अपना नजरिया रिस्पेक्टफुल रखना चाहिए। चाहे कुछ भी हो जाए रिश्तो का हमेशा कायम बनाकर रखें। दुनिया बदल रही है इसका मतलब यह नहीं हुआ कि आप रिश्तो को बदल डाले। इस संसार के लिए बहुत ही रिश्तो पर बुरा असर पड़ सकता है।

मनुष्य कहता है की संसार बदल रही है बिल्कुल सही है लेकिन इंसान को अपने अच्छे बुरे के हर तौर-तरीके को समझना चाहिए। हमें अपने रिश्तो को नहीं बदलना चाहिए जिस दिन रिश्ता बदल जाएगा। रिश्ता में विश्वास करने का कोई मतलब ही नहीं रह पाएगा।

यह संसार मतलबी है लेकिन आपको मतलबी नहीं बनना है। रिश्ते मुश्किल से बनती है लेकिन निभाते बहुत कम लोग मैं आप लोगों से आशा करता हूं की आप इन रिश्ते को कायम बनाकर रखें।

एक छोटी सी कहानी से मैं आप लोगों को बताता हूं की भाभी और देवर का संबंध क्या होता है।
रामायण में लिखा हुआ है की लक्ष्मण अपने भाभी सीता को बहुत मानता था और उनकी भाभी भी उन्हें बहुत मानती थी हर छोटी बड़ी मुश्किलें आती थी अपने देवर लक्ष्मण को बतलाती क्योंकि यह संबंध है यही रिश्ता है। कभी भी वह अपने भाभी सीता को गलत नजरिए से नहीं देखा करता था ना उसका भाभी और राम कभी भी शक नजरिया से नहीं देखता था अपने भाई लक्ष्मण को।

जबकि सीता लक्ष्मण को अपना देवर नहीं बल्कि पुत्र की भांति मानता था। रामायण में कहा गया की भाभी मां के समान होती है और हमें उनका आदर करना चाहिए।


नमस्कार दोस्तों आप लोगों से नमन करता हूं की कभी भी रिश्ते को गलत नजरिए से मत देखा कीजिएगा क्योंकि रिश्ता सही संसार टिका हुआ है और हम एक दूसरे पर विश्वास करते हैं।

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