झारखंड राज्य में धन कि खेती करने का तरीका
झारखण्ड राज्य एक बहुत अच्छा राज्य है। जो चारो ओर से पहाड़ पर्वतों से घिरा हुआ है। यहां खेती करने का तरीका बहुत ही आसान है।यहां के लोग अपने इस खेती से काफ़ी खुश है। कभी भी अपने आपको कोसते नहीं अपने खेती पर क्योंकि यहां के लोग काफ मेहनती है। मेहनत कि हर छोटी सी सफल एक उजागर कि ओर ले जाती और मेहनत को रंग लाती है। जोताई कि जानेवाली मशीन (बैल) >जानवर, ट्रैक्टर (बैल): सबसे पहले खेती कि शुरुवात जानवरों से हुई है लेकिन हम अब। इन्हे बेकार समझते हैं लेकिन खेती कि सबसे पहले शुरुवात जानवरो से ही कि जाती थी। यहां सिर्फ खेती के लिए मौसम पर निर्भर रहते हैं । सिंचाई कि कोई सुबिधा नहीं है। खेती के लिए मई-जून में शुरू हो जाती है। सबसे पहले खेत को हल किया जाता है। बैलों से जोता जाता है। मिटटी कि अच्छी तरह से छोटे-छोटे टुकड़ों में किया जाता है । उसके बाद कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। इसके पश्चात खेत में धन को बुना जाता है और छोड़ दिया जाता । आजकल मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। जैसे ट्रैक्टर आदि। ट्रैक्टर से भी वैसे ही हल करके छोड़ दिया जाता है सिंचाई कि सुविधा नहीं है। उसके लिए मौसम पर निर्भर रह